Friday, April 12, 2013

त्यर पहाड म्यर पहाड का बै सुधरो का बै बिगडो

त्यर पहाड म्यर पहाड
का बै सुधरो का बै बिगडो
शाष पडि यु पहाड
नान ठुला कक च्येला
दुकानदारा मुर्गि आण
देशी गुलाब बुब नाती
दगडे हुणि यु टोटिल

घर मा देखी आम्ल हाल
बिड़ दगडि मार फुकाण
सास गयि रे मल भदैर
ब्वारिल मारि गढ कनाँऊ
सैणि हैरिण बिड़ फुकाणि
त्यर पहाड म्यर पहाड
का बै सुधरो का बै बिगडो

लेख-सुन्दर कबडोला
गलेई- बागेश्वर- उत्तराँखण्ड
© 2013 sundarkabdola , All Rights Reserveds

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