
युँ तो सूरज रोज निकलता और ढलता है
सदीयो से यूँ ही एक क्रिया मे
ना बदला है ना बदलने कि कोई आहट है
अगर है लेना सूरज से कुछ
तो उसके जीवन शैलि को लेना
जो निरन्तर निष्फल होके
सदीयो से युँ ही एक क्रिया मे
ऊँजा का एक ऐसा राजा
अमिर गरीब कि तुलना है ना
सबको बाँटे लाल किरण
निष्फल होके
सारे जगत को महकाता सूरज
अगर है लेना सूरज से कुछ
तो उसके जीवन शैलि को लेना
क्योकि दोस्तो,
सूरज रोज चढता और ढलता है
सदीयो से युँ ही एक क्रिया मे
सदीयो से युँ ही एक क्रिया मे
लेख-सुन्दर कबडोला
गलेई- बागेश्वर- उत्तराँखण्ड
© 2013 sundarkabdola

