Thursday, June 13, 2013

यकलु जै महशुश करलि जबै तनहाई मा याद आलि सुवा त्वैके म्यर जुदाई मा थ्वाँड माय मा माय घोलि सुवा अपनु दिल क कोणु मा जबै चाहै देख लियै सुवा अपनु ही परछाई मा…

यकलु जै महशुश करलि जबै तनहाई मा
याद आलि सुवा त्वैके म्यर जुदाई मा
थ्वाँड माय मा माय घोलि सुवा अपनु दिल क कोणु मा
जबै चाहै देख लियै सुवा अपनु ही परछाई मा…

लेख-सुन्दर कबडोला
गलेई- बागेश्वर- उत्तराँखण्ड
© 2013 sundarkabdola, All Rights Reserved

Thursday, May 23, 2013

"पनदा रमुवा अर खिमू"

"पनदा रमुवा अर खिमू"

पनदा- रमुवा चाँआ पकै दे भुला
रमुवा- अल्लै पकुणु
पनदा य चिनि निमडँ रै
पनदा- त खिमू मगा दे चिनि तैकु हाथक चिनि भौते फाँर हुँ

तबतै एक अग्रेज वा ऐजा अर अणाड फणाड जागग नौ पुछण भैजा

रमुवा- अरे खिमु छ्वड यार तगै ना तगै कुमाँऊणि ऐ ना हमगै अग्रेजी जा यार एक किलो चिनि लिबै आदै
त्यर हाथक चिनि "भौते फाँर" (किसी के हाथ कि चिज बहुत चलती है तो उसे कहते है- "तैक हाथ भौते फाँर छू") हुँ यार

अग्रेज जसकै फाँर ("फाँर" far- दुर ) शब्द सुनु
ओ माई गोड "भैरि फाँर" (बहुत दुर)

खिमु- होई भौते फाँर

रमुवा- ओ बौज्यु म्यर त राडि च्यालाकै कुँमाऊणि ले उण भगैछो

फाँर-अफाँर कुमाँऊणि शब्द छण
फाँर- मतलब कैकु हाथक समान भौते चलै ता उगुँ फाँर कुणि

अर

अफाँर- जैक हाथक समान कम चलु ता कुणि तैक हाथ अफाँर छू (अफँरिपट)

लेख-सुन्दर कबडोला
गलेई- बागेश्वर- उत्तराँखण्ड
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Friday, May 3, 2013

सुन ले चीन बात हमारी

सुन ले चीन बात हमारी
जो कदम रखा है
जिस धरति मे
वीरो कि खेती उगति है
ना उकसा हम को
बधे हुऐ ये हाथ हमारे
भँष्ट नेता के जँजीरो से

जो सटक गयी ये खोपडि देख
थाम सके ना कोई वीर
सुन ले चीन बात हमारी

"शान्त सरोवर के है भारतीय
बिखुड गये तो शेर के जैसे हिसँक प्राणि
ना उलझो हमसे"

"हँवा के जैसे मध्यम प्राणि
बिखुड गये तो तेज तुफानी के है भारतीय
ना उलझो हमसे"

जो सटक गयी ये खोपडि देख

लेख-सुन्दर कबडोला
गलेई- बागेश्वर- उत्तराँखण्ड
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